Home / Tag Archives: anurag anveshi

Tag Archives: anurag anveshi

वर्तनी: कितनी लचीली, कितनी तनी 

हिंदी वर्तनी पर यह एक ज़रूरी और बार बार पढ़ा जाने वाला लेख है जिसे कवि-पत्रकार अनुराग अन्वेषी ने लिखा है। यह लेख पहले इंद्रप्रस्थ भारती नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। साभार आप लोगों के लिए- ============================ अमेरिकन इंग्लिश में कलर की स्पेलिंग (वर्तनी/हिज्जा) color है जबकि ब्रिटिश इंग्लिश …

Read More »

अनुराग अन्वेषी की नई कविताएँ

अनुराग अन्वेषी मूलतः पत्रकार रहे हैं, लेकिन उनके अंदर एक संवेदनशील कवि भी है जो समाज की विसंगतियों पर समय समय टिप्पणी के रूप में प्रकट होता रहता है। इस बार लम्बे अंतराल के बाद उनकी कुछ कविताएँ पढ़िए- मॉडरेटर ========================== बेटे का डर ओ मां, आशंकाओं का घेरा बड़ा …

Read More »

अनुराग अन्वेषी की लघु-लघु कविताएँ

आज कुछ छोटी छोटी कविताएँ अनुराग अन्वेषी की. पेशे से पत्रकार अनुराग जी जनसत्ता अखबार में काम करते हैं. स्वान्तः सुखाय कविताएँ लिखते हैं. प्रकाशन को लेकर कभी बहुत प्रयास करते नहीं देखा. लेकिन उनकी इन छोटी छोटी कविताओं का अपना आस्वाद है. आज वीकेंड कविता में पढ़िए- मॉडरेटर ============================================ …

Read More »

अनुराग अन्वेषी की प्रेम कविताएं

आज कुछ कविताएं अनुराग अन्वेषी की. कविताओं में इस तरह की ऐन्द्रिकता कम हो गई है इन दिनों जैसी अनुराग जी की इन कविताओं में दिखाई दी. कविताओं में आजकल बयानबाजी बढ़ गई है मन की कोमल अभिव्यक्तियाँ कम होती गई हैं. अनुराग जी की कविताएं पढ़ते हुए इस ओर …

Read More »

लोकनायक बनाम महानायक

11 को लोकनायक और महानयक दोनों का जन्मदिन पड़ता है. लोकनायक धीरे धीरे दूसरी आजादी के झूठ की तरह हमारी स्मृतियों से मिटते गए लेकिन महानायक का कद बढ़ता गया. बहरहाल, इस विडम्बना पर पत्रकार, कवि अनुराग अन्वेषी ने यह व्यंग्य लिखा है. पढियेगा- मॉडरेटर. ========================================== 11 अक्टूबर की बिग …

Read More »

कविताओं में भरोसा और भरोसे को लेकर कुछ कविताएँ

अनुराग अन्वेषी की कविताओं से हाल में ही परिचय हुआ और यह सच है कि उनकी कविताओं पर भरोसा बढ़ता जा रहा है. आज पढ़ते हैं भरोसे को लेकर उनकी कुछ कविताएँ- प्रभात रंजन  =========================================================== भरोसा-1 घात-प्रतिघात के एक से बढ़कर एक तूफान देखे हैं मैंने पर हरबार थोड़ा सा …

Read More »

भेड़चाल और हुआं-हुआं

आज कुछ कवितायें अनुराग अन्वेषी की। अखबार में शब्दों का सम्पादन करने वाले अनुराग अपनी कविताओं में भावनाओं का सम्पादन कर उस पर विचार की सान चढ़ाते हैं। बिना अधिक शोर-शराबे के कवितायें ऐसे भी लिखी जाती हैं। आप भी देखिये- जानकी पुल।  ===========================================  1.  मुट्ठी भर प्यार, हाशिए पर …

Read More »