लोक-गायक बालेश्वर के निधन को लेकर ज्ञानपीठ वाले सुशील सिद्धार्थ से चर्चा हो रही थी तो उन्होंने बताया कि दयानंद पांडे ने उनके ऊपर उपन्यास लिखा था ‘लोक कवि अब गाते नहीं’. बाद में जब युवा कवि-आलोचक-संपादक सत्यानन्द निरुपम से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि यह उपन्यास उनके पास …
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