उर्दू लेखिका बानो क़ुदसिया के उपन्यास ‘राजा गिद्ध’ पर यह टिप्पणी लिखी है वरिष्ठ लेखिका जया जादवानी ने। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास की समीक्ष पढ़िए- ===================== जंगल में भांति-भांति के परिंदे जमा हो रहे थे… हिन्द-सिंध से, पामेर की चोटियों से, अलास्का से भी कुछ परिंदे आए …
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