हिंदी के जाने-माने लेखक गिरिराज किशोर ने भारतीय ज्ञानपीठ के प्रबंध न्यासी अखिलेश जैन को एक पत्र लिखा है. जो यहाँ प्रस्तुत है. ध्यान रहे की गिरिराज किशोर और प्रियंवद ने नया ज्ञानोदय प्रकरण में सबसे पहले अपनी किताबें वापस ली थी. आइये ‘पहला गिरमिटिया’ के लेखक का पत्र पढते …
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