सच्चिदानंद सिंह के कहानी संग्रह ‘ब्रह्मभोज’ पर युवा लेखिका उपासना झा की टिप्पणी पढ़िए- मॉडरेटर ================================================ हिंदी-साहित्य में लगातार बिना शोर-शराबे और सनसनी के भी लेखन होता रहा है। सच्चिदानद सिंह का पहला कहानी संग्रह ‘ब्रह्मभोज’ इसी कड़ी में रखा जा सकता है। जीवन के अनुभवों और लेखकीय निरपेक्षता को समेटे …
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