गाब्रिएल गार्सिया मार्केज़, शकीरा और पाब्लो एस्कोबार के देश कोलंबिया की राजधानी बोगोता की यात्रा पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखिका पूनम दुबे ने. पूनम पेशे से मार्केट रिसर्चर हैं. बहुराष्ट्रीय रिसर्च फर्म नील्सन में सेवा के पश्चात फ़िलवक्त इस्तांबुल (टर्की) में रह रही हैं. अब तक चार महाद्वीपों के बीस से …
Read More »गाब्रियल गार्सिया मार्केज़ की कहानी ‘नीले कुत्ते की आँखें’
मार्केज़ के अनुवादों को लेकर किसी से खूब चर्चा हुई तो मुझे याद आया कि उनकी एक कहानी का सुन्दर अनुवाद सरिता शर्मा ने किया है- ‘नीले कुत्ते की आँखें.’ मार्केज़ की इस एक और कहानी का हिंदी में आनंद उठाइए- प्रभात रंजन ==================================================== फिर उसने मेरी ओर देखा. मुझे …
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