प्रवीण कुमार झा की चर्चित पुस्तक ‘कुली लाइंस’ पर यह टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने- मॉडरेटर ========================== अखिलेश का ‘निर्वासन’ पढ़ा था और वो मेरा ‘गिरमिटिया’ शब्द से पहला परिचय था। जहाँ सूरीनाम,1985 में आए एक्ट का जिक्र था। गोसाईगंज से सूरीनाम तक रामअजोर पांडे के बाबा और बिहार …
Read More »प्रवीण झा और उनकी किताब ‘कुली लाइंस’
‘कुली लाइंस’ पढ़ते हुए मैं कई बार भावुक हो गया। फ़ीजी, गुयाना, मौरिशस, सूरीनाम, नीदरलैंड, मलेशिया, दक्षिण अफ़्रीका, युगांडा, जमैका आदि देशों में जाने वाले गिरमिटिया जहाजियों की कहानी पढ़ते पढ़ते गले में काँटे सा कुछ अटकने लगता था। इसीलिए एक साँस में किताब नहीं पढ़ पाया। ठहर-ठहर कर पढ़ना …
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