‘हर तरफ ऐतराज होता है मैं अगर रौशनी में आता हूँ- लगता है दुष्यंत कुमार ने यह शेर चेतन भगत के लिए ही लिखा था. हालाँकि जितना ऐतराज होता है वे उतनी अधिक रौशनी में आते हैं. वे मुझे बहुत पसंद हैं- इसलिए नहीं कि वे बहुत अच्छा लिखते हैं. …
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