तुषार धवल मेरे समकालीन कवि हैं, ऐसे समकालीन जिनकी तरह आरंभ में मैं लिखने की कोशिश करता था- कविताएं। इधर कुछ अरसे से मैंने उनकी कविताएं पढ़ी नहीं। कई बार कुछ रचनाकारों की बेहतर समझ बनाने के लिए उनकी रचनाओं से दूर जाना भी जरूरी होता है। अरसे बाद जब …
Read More »