युवा कवि देवेश पथ सारिया का कविता संग्रह ‘नूह की नाव‘ प्रकाशन के बाद से ही लगातार चर्चा में है। उसी संग्रह से कुछ कविताएँ पढ़िए– ================= तारबंदी जालियों के छेद इतने बड़े तो हों ही कि एक ओर की ज़मीन में उगी घास का दूसरा सिरा छेद से पार …
Read More »ताइवान में धड़कता एक भारतीय दिल
युवा कवि देवेश पथ सारिया की डायरी-यात्रा संस्मरण है ‘छोटी आँखों की पुतलियों में’। अपने ढंग के इस अनूठे गद्यकार की इस किताब पर युवा लेखक सोनू यशराज की यह टिप्पणी पढ़िए- ===================== धरती का एक-एक टुकड़ा हमारे ह्रदय की हर धड़कन का गवाह बनता है। ‘छोटी आँखों की पुतलियों …
Read More »क़स्बाई जीवन और शहर में विस्थापित लोक
आज पढ़िए विनोद पदरज के कविता संग्रह पर टिप्पणी। संभावना प्रकाशन से प्रकाशित उनके संग्रह ‘आवाज़ अलग-अलग है’ पर यह टिप्पणी लिखी है युवा कवि देवेश पथ सारिया ने- ============ विनोद पदरज लोक जीवन के कवि हैं। उनकी नई पुस्तक ‘आवाज़ अलग-अलग है’ में प्रत्येक कविता पठनीय है और …
Read More »फरवरी: कुछ प्रेम कविताएं: देवेश पथ सारिया
देवेश पथ सारिया समकालीन युवा कविता का जाना पहचाना नाम है।। आज उनकी कुछ कविताएँ पढ़िए फ़रवरी माह के नाम- ======================== फ़रवरी: कुछ प्रेम कविताएं शीर्षक: होंठ यह मुझसे कहा था एक लड़की ने- “गुलाबी और लाल के बीच एक रंग पोशीदा तुम्हारे होंठ हैं देर तक चूमने …
Read More »नीना आंटी: एक ऑफबीट स्त्री की कथा
अनुकृति उपाध्याय का उपन्यास ‘नीना आंटी’ एक ऐसा उपन्यास है जिसकी शेल्फ लाइफ़ रहेगी। उसके ऊपर यह टिप्पणी लिखी है युवा कवि देवेश पथ सारिया ने- ================= अनुकृति उपाध्याय के कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ पर मैंने टिप्पणी की थी कि अनुकृति के लेखन के अनेक ध्रुव हैं और यदि …
Read More »कविता सरहदों के पार, हक़ीक़त के बीच दरार और कुछ बेतरतीब विचार: ली मिन युंग
ताइवान के वरिष्ठ कवि एवं आलोचक ली मिन-युंग की कविताओं के हिंदी अनुवाद का संकलन ‘हक़ीक़त के बीच दरार’ जुलाई में पाठकों तक पहुंचा, जिसका अनुवाद युवा कवि देवेश पथ सारिया ने किया है। साहित्यिक संस्कृति की इस साझेदारी के अनुभव को ली मिन-युंग ने इस लेख के माध्यम से …
Read More »ताइवान के कवि ली मिन-युंग की कविताओं पर टिप्पणी
ताइवान के वरिष्ठ कवि ली मिन-युंग की कविताओं का हिन्दी अनुवाद कवि और अनुवादक देवेश पथ सारिया ने किया है। किताब कलमकार मंच, जयपुर से प्रकाशित हुई है। उस पुस्तक पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखक मनीष कुमार यादव ने- ====================================== ली मिन-युंग की कविताएँ किसी महत्वपूर्ण मानवीय विशेषता …
Read More »कठिन विषय का बेहतर निर्वाह
देवेश पथ सारिया उन कुछ युवा कवियों में हैं जो अच्छा गद्य भी लिखते हैं। ख़ासकर आलोचनात्मक गद्य। यह टिप्पणी उन्होंने युवा लेखिका अणुशक्ति सिंह के उपन्यास ‘शर्मिष्ठा’ के ऑडियो बुक को सुनकर लिखी है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित यह उपन्यास ऑडियो बुक में स्टोरीटेल पर उपलब्ध है। आप युवा …
Read More »एक मस्तमौला की जीवन कथा ‘अंदाज़-ए-बयां उर्फ रवि कथा’
युवा लेखकों को पढ़ने से उत्साह बढ़ता है। वैसे युवा लेखकों को पढ़ने से और भी जो अपनी परम्परा से जुड़ना चाहते हैं, उसको समझना चाहते हैं। युवा कवि देवेश पथ सारिया ने ममता कालिया की किताब ‘अंदाज़े-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ पर जो लिखा है उसको पढ़कर याहि अहसास हुआ। …
Read More »प्रिंट बनाम/सह डिजिटल: ‘पहल’ के बंद होने के संदर्भ में
पिछले दिनों ज्ञानरंजन जी की पत्रिका ‘पहल’ के बंद होने की खबार आई तो फ़ेसबुक पर काफ़ी लोगों ने लिखा। युवा कवि-लेखक देवेश पथ सारिया ने इस बहाने प्रिंट बनाम डिजिटल की बहस पर लिखा है। एक ऐसा लेख जिसके ऊपर बहस होनी चाहिए- ========================= वरिष्ठ कथाकार ज्ञान रंजन जी …
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