पिछले दिनों ज्ञानरंजन जी की पत्रिका ‘पहल’ के बंद होने की खबार आई तो फ़ेसबुक पर काफ़ी लोगों ने लिखा। युवा कवि-लेखक देवेश पथ सारिया ने इस बहाने प्रिंट बनाम डिजिटल की बहस पर लिखा है। एक ऐसा लेख जिसके ऊपर बहस होनी चाहिए- ========================= वरिष्ठ कथाकार ज्ञान रंजन जी …
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