लेखकों के पत्रों से कई बार उनके व्यक्तित्व का, उनके लेखन-सूत्रों का पता चलता है. यह एक ऐतिहासिक पत्र है जो आमुख-8 में प्रकाशित हुआ था. राजकमल चौधरी ने संभवतः अपने मरने से कुछ दिनों पहले दूधनाथ सिंह को लिखा था. कल से इस पत्र को लेकर इलाहबाद विश्वविद्यालय के …
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