सुदीप्ति जब फ़िल्मों पर लिखती हैं तो वह इतना परिपूर्ण होता है कि अपने आपमें स्वतंत्र कलाकृति के समान लगता है। जैसे ‘एटरनल सनशाइन ऑफ़ द स्पॉटलेस माइंड’ पर लिखते हुए मानव जीवन में स्मृतियों के महत्व के ऊपर एक सुंदर टिप्पणी की है। इसको पढ़ने के बाद आपको फ़िल्म …
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