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गीताश्री के उपन्यास ‘सामा चकवा’ का एक अंश

हाल में ही गीताश्री का उपन्यास आया है ‘सामा चकवा’। मिथिला का एक पर्व, द्वापर युग की कथा, पर्यावरण प्रेम। उपन्यास अनेक समकालीन संदर्भों को ध्वनित करने वाला है। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस उपन्यास का एक अंश पढ़िए- ==================================== एक समय की बात है एक था जंगल, एक …

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‘अंबपाली’ पर यतीश कुमार की टिप्पणी

वरिष्ठ लेखिका गीताश्री के उपन्यास ‘अंबपाली’ पर यह टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने। एक पढ़ने लायक टिप्पणी- ========================== रचनाकार गीता श्री ने इस उपन्यास को लिखने के पहले अपने मन मस्तिष्क को उस काल के साँचे में ढाला है ताकि वहाँ की आवाज़ हम सुन सकें। भाषा को …

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विजय आनंद के बारे में ‘गोल्डी’ बातें

आज विजय आनंद की पुण्यतिथि है। उनके ऊपर अनिता पाध्ये की लिखी किताब ‘एक था गोल्डी’ पर वरिष्ठ लेखिका गीताश्री की यह सुंदर टिप्पणी पढ़िए। किताब का प्रकाशन मंजुल प्रकाशन से हुआ है- ===================== “पल पल दिल के पास तुम रहते हो …” ये गाना संगीत प्रेमियों के दिल और …

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गीताश्री से उनके नए उपन्यास ‘अंबपाली’ पर बातचीत

गीताश्री का नया उपन्यास आया है ‘अंबपाली’। वैशाली की इस ऐतिहासिक किरदार को लेकर बहुत लिखा गया है। लेकिन गीताश्री का लेखन-विश्लेषण बहुत अलग है। मुझे एक बात और समझ नहीं आ रही थी कि अंबपाली पर किसी स्त्री ने विस्तार से क्यों नहीं लिखा? इन्हीं सवालों के जवाब जानने …

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कश्मीर के बदन पर कोहरा घना है

प्रसिद्ध लेखिका गीताश्री आजकल कश्मीर में हैं। वहाँ कला शिविर, वहाँ के हालात पर उनकी एक प्रासंगिक टिप्पणी पढ़िए- ============================== श्रीनगर के युवा चित्रकार नौशाद गयूर कला शिविर में अपने शहर के तात्कालिक हालात से अनजान पेंटिंग बना रहे थे. डल गेट और डल लेक पर छोटा आइलैंड चार चीनार …

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‘जियो जवानी , जियो ज़माना , जियो जवानी, जियो ज़माना’ के गीतकार हरेकृष्ण

आज पढ़िए वैशाली जनपद के एक बिसरे गीतकार हरेकृष्ण के गीत। चयन के साथ भूमिका लिखी है प्रसिद्ध लेखिका गीताश्री ने- =========================================   पचास और साठ के दशक में एक गीतकार हरेकृष्ण ( 1934 -2011) वैशाली जनपद से नया हुंकार भर रहे थे, युवाओं में नये प्राण फूंक रहे थे- …

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अनामा माँ के भीतर एक गुमशुदा स्त्री की तलाश

आज मदर्स डे पर प्रसिद्ध लेखिका गीताश्री का लेख पढ़िए। पढ़ते पढ़ते अपनी माँ से मिलने का मन होने लगा- ============================== मां, मेरी माय -गीताश्री जन्म लेने के लिए एक स्त्री की कोख ढूंढता है ईश्वर “अंतरिक्ष के आखिरी छोर पर खड़ी एक स्त्री पक्षियों को पंख / पेट को …

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बने बनाए शिल्प को तोड़ता कथानक

अनुकृति उपाध्याय ने अपने पहले कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ से सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था। उसके पास अपनी कहानियाँ हैं और कहने की अपनी भाषा भी। उसके पहले लघु उपन्यास ‘नीना आँटी’ में यह विशिष्टता और उभर कर आई है। राजपाल एण्ड संज से प्रकाशित इस उपन्यास …

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    इतिहास और कल्पना कोरस ‘राजनटनी’

गीताश्री के उपन्यास राजनटनी की विस्तृत समीक्षा लिखी है प्रखर युवा शोधार्थी सुरेश कुमार ने। यह उपन्यास हाल में ही राजपाल एंड संज प्रकाशन से आया है- =========== स्त्रीविमर्श की सिद्धांतकार गीताश्री ने शोध और अनुसंधान से चमत्कारित कर देने वाला ‘राजनटनी’ नामक इतिहासपरक उपन्यास लिखा है। यह उपन्यास अभी …

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‘राजनटनी’ उपन्यास की काव्यात्मक समीक्षा

हाल में गीताश्री का उपन्यास ‘राजनटनी’ प्रकाशित हुआ है, जिसकी काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- ================================= राजनटनी 1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं   वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते हैं   घोर …

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