बीसवीं शताब्दी का अस्सी का दशक भारतीय अंग्रेजी उपन्यासों के लिए टर्निंग पॉइंट का दशक माना जाता है. सलमान रुश्दी को बुकर पुरस्कार मिलने के बाद अचानक भारतीय अंग्रेजी लेखक परिदृश्य पर छाने लगे. विक्रम सेठ, अमिताव घोष के लेखन की धमक साहित्यिक हलकों में ही नहीं बाज़ार में भी …
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