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Tag Archives: hrishikesh sulabh

उजड़े हुए लोगों के उजड़ते रहने की दास्तान है ‘दातापीर’

अभी हाल में ही ‘कथाक्रम’ सम्मान की घोषणा हुई है। इस बार यह सम्मान हृषीकेश सुलभ को दिए जाने की घोषणा हुई है। उनके नए उपन्यास ‘दाता पीर’ पर यह टिप्पणी लिखी है युवा शोधार्थी महेश कुमार ने। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास की समीक्षा आप भी पढ़ सकते …

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हृषीकेश सुलभ की कहानी ‘तूती की आवाज़’

आज पढ़िए प्रसिद्ध लेखक हृषीकेश सुलभ की कहानी ‘तूती की आवाज़’। करीब 25 साल पहले ‘कथन’ पत्रिका में प्रकाशित यह कहानी आज के संदर्भ में बहुत प्रासंगिक लगने लगी है। ======================== मुरली बाबू चीख़ते हुए नींद से जागे। वैसे उनके जागने का समय हो चुका था, पर इस तरह कभी नहीं …

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हृषीकेश सुलभ के उपन्यास ‘दाता पीर’ का एक अंश

वरिष्ठ लेखक हृषीकेश सुलभ का दूसरा उपन्यास प्रकाशित हुआ है ‘दाता पीर’। बहुत लग परिवेश का यह उपन्यास नफ़रत के इस दौर में प्रेम के उस दौर की याद दिलाने वाला है जब समाज में प्रेम था, साहचर्य था। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास का एक अंश पढ़िए- ==================================== …

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इक्कीसवीं सदी के ग्रामीण यूनिवर्स की जातक उर्फ़ जात कथा का आख्यान

वरिष्ठ लेखक हृषीकेश सुलभ के उपन्यास ‘अग्निलीक’ को पढ़ते हुए यह टिप्पणी लिखी है जानी मानी लेखिका वंदना राग ने, हाल में ही जिनका उपन्यास आया है ‘बिसात पर जुगनू’। यह टिप्पणी दो पीढ़ियों का संवाद है – ======= अग्निलीक एक मुख्तलिफ़ सा उपन्यास है।  न सिर्फ अपने कलेवर और …

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हिन्दी रंगपरिदृश्य और नाट्यालेखन:हृषीकेश सुलभ

हृषीकेश सुलभ को कथाकार-उपन्यासकार के अलावा हम सब नाटककार और रंगकर्म विशेषज्ञ के रूप में दशकों से जानते रहे हैं। अभी हाल में ही उनका उपन्यास ‘अग्निलीक’ राजकमल से आया है, जिसकी बहुत चर्चा है। फ़िलहाल इस लेख में उन्होंने रंगमंच की दुनिया में नाट्यालेखन को लेकर कुछ गम्भीर बिंदुओं …

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रेणु, आज़ादी के स्वप्न और मैला आँचल:हृषीकेश सुलभ

आज फणीश्वरनाथ रेणु जयंती है। आज से उनकी जन्म शताब्दी का साल भी शुरू हो रहा है। वे एक बड़े विजन के लेखक थे। उनकी अमर कृति ‘मेला आँचल’ की चर्चा के बिना आधुनिक हिंदी साहित्य की कोई भी चर्चा अधूरी ही मानी जाएगी। आज उनकी इस कृति का सम्यक् …

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‘अग्निलीक’ में कहानी है, नाटक है, गीत से दृश्य हैं ,प्रेम है और प्रखर जनचेतना है!

वरिष्ठ लेखक हृषीकेश सुलभ का उपन्यास आया है ‘अग्निलीक’। भोजपुरी समाज के सामाजिक, राजनीतिक बदलावों को लेकर लिखा गया यह एक ऐसा उपन्यास है जिसे मेले-ठेले की भीड़ में नहीं अकेले में पढ़ा जाना चाहिए। उपन्यास पर एक टिप्पणी पढ़िए, लिखी है अनामिका अनु ने- मॉडरेटर ================================ “मनरौली की हों …

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हृषीकेश सुलभ के शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास ‘अग्निलीक’ का अंश

हृषीकेश सुलभ हिंदी के उन चुनिंदा लेखकों में हैं जो लोक और शास्त्र दोनों में सिद्ध हैं। उनका पहला उपन्यास ‘अग्निलीक’ प्रकाशित होने वाल है। यह उपन्यास घाघरा नदी के आसपास के गाँवों के इतिहास-वर्तमान की कथा के बहाने बिहार की बदलती जातीय-राजनीतिक संरचना की कथा कहता है। उनकी कहानियों …

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अनुकृति उपाध्याय के कथा संग्रह ‘जापानी सराय’ की भूमिका

अनुकृति उपाध्याय हिंदी कहानीकारों की जमात में नई हैं लेकिन उनकी कहानियां बहुत अलग तरह की हैं. उनका पहला कथा संग्रह राजपाल एंड संज से प्रकाशित हुआ है ‘जापानी सराय’. जिसकी भूमिका लिखी है सुप्रसिद्ध कथाकार हृषिकेश सुलभ ने. फिलहाल आप भूमिका पढ़िए- मॉडरेटर ========= समकालीन हि‍न्‍दी कहानी का परि‍दृश्‍य …

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हृषिकेश सुलभ की कहानी ‘हबि डार्लिंग’

आज जाने माने लेखक हृषिकेश सुलभ का जन्म दिवस है. उनको पढ़ते हुए हम जैसे लेखकों ने लिखना सीखा. आज जानकी पुल की तरफ से उनको बधाई. वे इसी तरह हमें प्रेरणा देते रहें- मॉडरेटर ===========      उस रात एक आदिम गंध पसरी हुई थी। यह गंध उसके रन्ध्रों से …

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