सुरेन्द्र मोहन पाठक ने अपनी आत्मकथा के दूसरे खंड ‘हम नहीं चंगे बुरा न कोय’ में अमृता प्रीतम से मुलाक़ात का ज़िक्र किया। आत्मकथा के पहले खंड में उन्होंने इंद्रजीत यानी इमरोज़ के बारे में लिखा था, दूसरे खंड में भी उन्होंने लिखा है कि एक कलाकार के रूप में …
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