महान फिल्मकार अकीरा कुरोसावा ने अपनी आत्मकथा ‘समथिंग लाइक एन ऑटोबायोग्राफी’ में अपने आरंभिक जीवन के बारे में लिखा है, अपने सिनेमाई अनुभवों-विचारों को भी रखा है. उसी के एक छोटे-से अंश का अनुवाद- जानकी पुल. ==================== मुझे लगता है कि आत्मकथा जैसा कुछ लिखने का विचार मुझे फ्रेंच फिल्म-निर्देशक ज्यां रेने की आत्मकथा पढते …
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