दलित लेखक-आलोचक कैलाश दहिया ने ‘शोले’ फ़िल्म की समीक्षा एक अलग ही नज़रिए से की है। आप भी पढ़िए- ================= ‘शोले’ फिल्म भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में माइलस्टोन मानी जाती है। फिल्म का एक-एक सीन-डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा मिलता है। इसे इस फिल्म के लेखकों समेत निर्देशकों …
Read More »नियति का अर्थ है पैतृकता की पहचान
कैलाश दहिया आजीवक विचारक हैं और अपने इस लेख में उन्होंने नियति के सिद्धांत पर विचार करते हुए धर्मों में स्थापित भाग्यवाद की तार्किक आलोचना की है। एक ज्ञानवर्धक लेख पढ़ा इसलिए साझा कर रहा हूँ- जानकी पुल। ==================== भारतीय चिंतन जगत में ‘जन्म’ को ले कर बड़ी बहस …
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