योगेश प्रताप शेखर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं और हिंदी के कुछ संभावनाशील युवा आलोचकों में हैं। रचना के समय और रचनाकार के समय में अंतर को समझने में यह लेख बहुत सहायक है- ============================ कहते हैं कि साहित्य समय की अभिव्यक्ति है। समय की व्यापकता और उसके …
Read More »अविमुक्त क्षेत्र (काशी) के मुक्त मेघों की प्रतीक्षा – भाग -1
प्रियंका नारायण बीएचयू की शोध छात्रा रही हैं। मिथकों पर अच्छा लिखती हैं। इस बार उन्होंने गल्प में मिथकीय काशी से वर्तमान काल के काशी की यात्रा की है। काशी की एक स्त्री छवि देखिए।यह उनकी पुस्तक ‘घन बरसे’ का एक अंश है- ============================= अविमुक्त क्षेत्र (काशी) के मुक्त मेघों …
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