यतीश कुमार ने काव्यात्मक समीक्षा की अपनी विशेष शैली विकसित की और इस शैली में वे अनेक पुस्तकों की समीक्षाएँ लिख चुके हैं। इसी कड़ी में आज पढ़िए अलका सरावगी के उपन्यास ‘कलि कथा वाया बाइपास’(राजकमल प्रकाशन) की समीक्षा। 1990 के दशक के आख़िरी सालों में जिस उपन्यास ने बड़े पैमाने …
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