‘कथा’ पत्रिका का नाम आते ही मार्कंडेय जी याद आते हैं. यह खुशी की बात है कि उनकी मृत्यु के बाद उस पत्रिका का प्रकाशन फिर शुरु हुआ है. संपादन कर रहे हैं युवा कथाकार अनुज. इसका नया अंक मीरांबाई पर एकाग्र है. प्रस्तुत है इस सुन्दर संयोजित अंक का …
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