सदफ़ नाज़ धनबाद में रहती हैं, पत्रकारिता करती हैं. ‘लव जिहाद’ पर सोचने बैठी तो ऐसा व्यंग्य लिख गई कि हँसते हँसते पेट में बल पड़ जाएँ. एकदम उर्दू शैली का व्यंग्य शुद्ध देवनागरी में. यह भी तो एक तरह से भाषा में ‘लव जिहाद’ ही ठहरा- मॉडरेटर. =========================== ‘इन-उन …
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