वरिष्ठ लेखक प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ का उपन्यास आया है ‘रानी रूपमती की आत्मकथा’। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास पर यह टिप्पणी लिखी है युवा कवयित्री रश्मि भारद्वाज ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =================== मांडू का उल्लेख आते ही आँखों के आगे प्रेम, समर्पण और विद्रोह की एक कथा …
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