आजकल ‘सरदार उधम’ फ़िल्म की बड़ी चर्चा है। इसी फ़िल्म पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है मनोज मल्हार ने, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हैं। आप भी पढ़िए- ========================= सरकारें अक्सर अपनी विचारधारा के अनुरूप कला , संस्कृति और सिनेमा को प्रोत्साहित करती है. कांग्रेस की सरकारें पहले धर्मनिरपेक्षता …
Read More »‘एनोला होम्स’: किताबों में छपे फोटो के कोलाज
हाल में ही आई फ़िल्म एनोला होम्स’ पर यह टिप्पणी मनोज मल्हार ने लिखा है। मनोज पेशे से प्राध्यापक हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं- ================= “वोट्स फॉर वीमेन, पब्लिक मीटिंग, मेक योर वर्डस हर्ड” “प्रोटेस्ट अनरेस्ट एंड सिविल डिसऑबिडीएंस” ‘एनोला’ फिल्म में प्रयुक्त पर्चों की अपील. “…जो …
Read More »‘काला’ प्रतिपक्ष का वितान रचती एक सुंदर फिल्म है
‘काला’ फिल्म पर एक अच्छी टिप्पणी लिखी है युवा लेखक मनोज मल्हार ने- मॉडरेटर ================================================== निर्देशक पा. रणजीत एक निर्देशक के रूप में बहुत सारे अन्य निर्देशकों से शैली के मामले में बहुत अलग नहीं दिखते. ‘कबाली’ और अब ‘काला’ में दृश्य संयोजन, चरित्र, एक्शन, इमोशन बहुत सारे अन्य …
Read More »‘हिचकी’ : शिक्षा व्यवस्था की बेहतरीन पड़ताल
‘हिचकी’ फिल्म की एक अच्छी समीक्षा लिखी है दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरु कॉलेज में प्राध्यापक और लेखक मनोज मल्हार ने- मॉडरेटर ‘हिचकी’ ब्रैड कोहेन की पुस्तक ‘फ्रंट ऑफ़ द क्लास : हाउ टूरेट मेड मी द टीचर आई नेवर हैड’ पर आधारित और सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा द्वारा निर्देशित …
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