कथाकार-उपन्यासकार संतोष दीक्षित ने इस लेख में रेणु जी की कहानी ‘रसप्रिया’ और मनोज रुपड़ा की कहानी ‘साज़-नासाज़’ के बहाने सांस्कृतिक क्षरण को रेखांकित किया है। एक अच्छा लेख- ================= ‘रसप्रिया’ रेणु की प्रारंभिक कहानियों में से है। इसका मर्म रेणु के ही नहीं, हिंदी के सम्पूर्ण कथा साहित्य तक …
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