युवा शायर सीरीज में आज पेश है मस्तो की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 जोडऩे में रात दिन खुद को लगा रहता हूँ मैं कौन ये कहता है की यक्सर बना रहता हूँ मैं आईनों के शोर से हरदम घिरा रहता हूँ मैं देख के फिर अक्स अपना क्यों डरा …
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