मंजरी श्रीवास्तव कम कविताएँ लिखती हैं लेकिन जब लिखती हैं तो बार बार पढने को जी चाहता है. यह एक कविता श्रृंखला है जो मीर तकी मीर को, उनकी पंक्तियों को याद करते हुए लिखी गई है. बहुत प्रासंगिक, तड़प से भरी कविताएँ. पढ़िए आप भी- मॉडरेटर ================== सुनो मीर …
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