गीताश्री के उपन्यास राजनटनी की विस्तृत समीक्षा लिखी है प्रखर युवा शोधार्थी सुरेश कुमार ने। यह उपन्यास हाल में ही राजपाल एंड संज प्रकाशन से आया है- =========== स्त्रीविमर्श की सिद्धांतकार गीताश्री ने शोध और अनुसंधान से चमत्कारित कर देने वाला ‘राजनटनी’ नामक इतिहासपरक उपन्यास लिखा है। यह उपन्यास अभी …
Read More »‘राजनटनी’ उपन्यास की काव्यात्मक समीक्षा
हाल में गीताश्री का उपन्यास ‘राजनटनी’ प्रकाशित हुआ है, जिसकी काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- ================================= राजनटनी 1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते हैं घोर …
Read More »निवेदिता की कहानी ‘मैं पगली ऐसी जली कोयला भई न राख’
निवेदिता जी सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। आम लोगों के जीवन को बड़े क़रीब से देखती हैं। जीवंत कहानियाँ लिखती हैं। जैसे यह कहानी। मिथिला की परम्परा, स्त्रियों के मन की कसक की एक बेजोड़ कहानी है। आप भी पढ़िए। अच्छा लगेगा- ============= टैक्सी कोसी नदी पर बने पुल से निकल कर …
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