आज अंतरराष्ट्रीय रंगमंच दिवस है. इस अवसर पर आज मोहन राकेश का यह प्रसिद्ध लेख जिसमें उन्होंने नाटककार के नजरिये से रंगमंच को देखने की कोशिश की है. उनके उठाये सवाल आज भी प्रासंगिक लगते हैं- मॉडरेटर =================================================== और लोगों की बात मैं नहीं जानता, केवल अपने लिए कह सकता …
Read More »बहुत उलझन होती है अपने से
आज मोहन राकेश का जन्मदिन है. नाटक, कहानी के साथ-साथ मोहन राकेश की डायरी का भी अपना महत्व है. जिन दो लेखकों की डायरी मैंने बार-बार पढ़ी है उनमें मोहन राकेश के अलावा दिनकर की डायरी. लेकिन आज पेश हैं मोहन राकेश की डायरी के कुछ अंश- बम्बई…? दिन-भर परिभाषाएँ घड़ते …
Read More »जीवन को छलता हुआ, जीवन से छला गया
आज मोहन राकेश का जन्मदिन है. हिंदी को कुछ बेजोड़ नाटक और अनेक यादगार कहानियां देने वाले मोहन राकेश ने यदा-कदा कुछ कविताएं भी लिखी थीं. उनको स्मरण करने के बहाने उन कविताओं का आज वाचन करते हैं- जानकी पुल. १. कुछ भी नहीं भाषा नहीं, शब्द नहीं, भाव नहीं, कुछ …
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