‘सामायिक सरस्वती’ पत्रिका का जुलाई अंक हाथ में आया तो सबसे पहले इस स्मरण-लेख पर नजर ठहर गई. पढता गया, नीलाभ जी की यादों में डूबता गया. उनकी पत्नी भूमिका द्विवेदी ने बहुत दिल से लिखा है और नीलाभ जी के बोहेमियन व्यक्तित्व का सम्यक मूल्यांकन करने की एक रचनात्मक …
Read More »नीलाभ की कुछ नई कविताएं
नीलाभ को हम हिंदी वाले कई रूपों में जानते हैं, लेकिन उनका स्थायी भाव कविता ही है. बहुत दिनों बाद मन भर कविताएं पढ़ी नीलाभ की, जिनमें से चुनिन्दा आपसे साझा कर रहा हूँ. आनंद लीजिये- प्रभात रंजन ================ ण्त्थितिहुयणि जंच णहुदिट्ठु तुम्हेहिंवि जंन सुअविअडबन्धु सुच्छन्दुसरसउ णिसुणेविणुको रहइललियहीणु मुक्खाहफरसउ तोदिग्गिच्चिय …
Read More »क्या ब्लॉग-वेबसाईट पर कॉपीराइट का कानून लागू नहीं होता?
नीलाभ का यह लेख कुछ गंभीर सवालों की तरफ हमारा ध्यान दिलाता है. हाल में ही भारत के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने लेखकों की रचनाएँ अपनी वेबसाईट पर डालनी शुरु की हैं. नीलाभ ने अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बताया है कि इस क्रम में पारिश्रमिक की कहीं कोई …
Read More »मण्टो की तलाश लुप्त होती इन्सानियत की तलाश है
कल सआदत हसन मंटो की सौवीं जयंती है. उर्दू के एक ऐसे कथाकार की जिसने कहानियों का मिजाज बदलकर रख दिया. उनकी कहानियों पर बहुत गंभीर विश्लेषणपरक लेख लिखा है प्रसिद्ध कवि-अनुवादक नीलाभ ने. आपसे साझा कर रहा हूं- जानकी पुल. ———————————————————————– ‘एक ख़त’ से ले कर ‘दो गड्ढे’ तक …
Read More »कौमें नाश्ते की मे़ज पर नहीं पैदा हुआ करतीं
प्रसिद्ध पत्रकार, इतिहासकार एम. जे. अकबर ने अंग्रेजी में एक पुस्तक लिखी थी- Tinderbox. उसका हिंदी अनुवाद हार्पर कॉलिंस से आया है ‘चिंगारी’ नाम से. पाकिस्तान के सन्दर्भ में लिखी गई यह पुस्तक एक तरह से भारतीय उप-महाद्वीप में इस्लामिक राजनीति का इतिहास है. बेहद रोचक अंदाज में, गहरी सूझबूझ …
Read More »नीलाभ की महाभारत कथा
हाल के बरसों में नीलाभ की चर्चा अरुंधति रे से लेकर चिनुआ अचिबे के शानदार अनुवादक के रूप में रही है. लेकिन नीलाभ मूलतः एक गंभीर कवि और लेखक हैं. अभी हाल में ही उन्होंने महाभारत कथा को आम पाठकों के लिए तैयार किया है. ‘मायामहल’ और ‘धर्मयुद्ध’ के नाम …
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