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Tag Archives: nirmal verma

निर्मल वर्मा: प्रेमचंद की उपस्थिति के बहाने अनुपस्थिति ढूंढने की कवायद

युवा लेखक उमाशंकर चौधरी का यह विस्तृत लेख प्रेमचंद की परंपरा और उसको लेकर चली बहसों को समेटता हुआ एक गहन वैचारिक लेख है जो बहस की माँग करता है। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================== प्रेमचंद की उपस्थिति (निर्मल वर्मा से शीर्षक उधार लेते हुए उनके साथ प्रत्युत्तर जैसा …

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 डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया शीर्षक महाकथा में जो लेखन रहता है

गिरिराज किराड़ू का यह लेख बहुत पुराना है। उन दिनों का जब वे हिंदी के आधुनिक लेखकों के लेखन के मिथ को समझने-समझाने का प्रयास कर रहे थे। बड़ी-बड़ी बहसों को समझने का प्रयास कर रहे थे। निर्मल वर्मा आधुनिक हिंदी की एक बड़ी बहस रहे हैं। उनके आत्म और …

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मनोहर श्याम जोशी की कविता ‘निर्मल के नाम’

निर्मल वर्मा के लिए उनके समकालीन लेखक मनोहर श्याम जोशी ने यह कविता 1950 के दशक के आखिरी वर्षों में लिखी थी जब दोनों लेखक के रूप में पहचान बनाने में लगे थे. मनोहर श्याम जोशी तब ‘कूर्मांचली’ के नाम से कविताएँ लिखते थे. आज निर्मल वर्मा का जन्मदिन है. …

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निर्मल वर्मा के सिंगरौली यात्रा के अनुभव और पर्यावरण के प्रति उनकी चिंता

विकास के नाम पर पर्यावरण के प्रति निर्मम होकर हम जिस तरह इसे नुकसान पहुंचा रहे है उस से हम विस्थापन की समस्या को भी जन्म दे रहे हैं. निर्मल वर्मा के अनुसार हमने पश्चिम की नक़ल करके न सिर्फ अपने पर्यावरण को क्षति पहुंचाई बल्कि अपनी संस्कृति से भी …

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इतनी लंबी यात्रा पर जाने से पहले तुम अपना पता भी नहीं दे गए!

आज हिंदी कहानियों को नया मोड़ देने वाले निर्मल वर्मा का जन्मदिन है. प्रस्तुत है उनके मरणोपरांत प्रकाशित पुस्तक ‘प्रिय राम’ से एक पत्र. यह पुस्तक उनके और उनके भाई प्रसिद्ध चित्रकार रामकुमार के बीच पत्राचार का संकलन है. वैसे यह पत्र रामकुमार ने निर्मल जी के मरने के बाद उनके नाम …

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साहित्यिक चर्चाएँ मुझे बहुत डिप्रेस करने लगी हैं- निर्मल वर्मा

आज महान लेखक निर्मल वर्मा की जयंती है. निर्मल जी पत्राचार बहुत करते थे और उनके पत्र सहेज कर रखने लायक होते थे. उनके लेखों, उनकी कहानियों की तरह पढने लायक होते थे. आज प्रसिद्ध आलोचक-लेखक रमेशचंद्र शाह को लिखे उनके दो पत्र- मॉडरेटर ==================== नयी दिल्ली 7.2.1981 प्रिय रमेश …

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निर्मल वर्मा की कहानी ‘कव्वे और काला पानी’

आज गूगल ने बताया कि स्टोरीटेलिंग डे है. मुझे निर्मल वर्मा की कहानी याद आई- ‘कव्वे और काला पानी‘. असल में इस कहानी के याद आने का सन्दर्भ है. दो दिनों से संन्यास को लेकर बड़ी चर्चा है. इस कहानी को लेकर भी संन्यास को लेकर बहस हुई थी. आलोचक …

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निर्मल वर्मा के शब्दों में देशप्रेम का मतलब

आजकल ‘देशप्रेम’ की चर्चा चरम पर जिसके बल हर तरह की हिंसा को जायज ठहराने की कोशिश की जाने लगी है. मुझे महान लेखक निर्मल वर्मा के निबंध की याद आई- मेरे लिए भारतीय होने का अर्थ. आजादी के पचास साल पूरे होने पर उन्होंने यह निबंध लिखा था. बीस …

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निर्मल को पढने से मन निर्मल हो जाता है

आज महान लेखक निर्मल वर्मा की पुण्यतिथि है. लेखिका दिव्या विजय ने उनके लिखे किरदारों को नाटक में जीने के अपने अनुभव के आधार पर लिखा है कि किस तरह निर्मल वर्मा के लिखे को महसूस किया जा सकता था. हिंदी के उस विश्वस्तरीय लेखक को श्रद्धांजलि- मॉडरेटर  ========================================================= निर्मल …

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नॉर्वे में हूँ, निर्मल वर्मा की ‘परिंदे’ याद आ रही है!

नॉर्वे प्रवासी डॉक्टर-लेखक प्रवीण कुमार झा के व्यंग्य हम पढ़ते रहे हैं लेकिन यह व्यंग्य नहीं है. 25 अक्टूबर को निर्मल वर्मा की पुण्यतिथि है, उसी अवसर पर उन्होंने एक निर्मल-कथा लिखी है. पढ़ा जाए- मॉडरेटर  ===========   हिंदी कथाकारों में जो पहाड़ों में जीए, यूरोप वगैरा घूमे, उनमें और जो …

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