एक कवि हमेशा अपनी कविताओं के जरिए हम सबकी स्मृतियों में रहता है। जानकी पुल का उपक्रम ‘कविता शुक्रवार’ मंगलेश डबराल की इन कुछ कविताओं से उन्हें नमन करता है। उनकी कविताएँ सदा हमारे साथ रहेंगी- ======================= स्मृति : एक ————– खिड़की की सलाख़ों से बाहर आती हुई …
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