युवा आलोचक सुरेश कुमार के लेख हम सब पढ़ते रहे हैं। उनकी आलोचना दृष्टि के हम सब क़ायल रहे हैं। यह उनका नया लेख है जो ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा ‘जूठन’ पर है- ==================== ओमप्रकाश वाल्मीकि,मोहनदास नैमिशराय, श्यौराज सिंह बेचैन, सूरजपाल चौहान और तुलसीरम की आत्मकथाएं इस बात की …
Read More »‘जूठन’ की काव्यात्मक समीक्षा
यतीश कुमार ने पुस्तकों पर काव्यात्मक टिप्पणी कर अपनी विशेष पहचान बनाई है। आज पढ़िए उनकी अपनी शैली में ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा ‘जूठन’ पर टिप्पणी- =========================== डॉक्टर तुलसी राम की लिखी ‘मुर्दहिया’ और ‘मणिकर्णिका’ पढ़ने के बाद एक आलेख लिखा था। कई मित्रों ने यह सुझाया कि ओमप्रकाश …
Read More »ओमप्रकाश वाल्मीकि ने हिंदी की चौहद्दी का विस्तार किया
ओमप्रकाश वाल्मीकि जी के प्रति एक छोटी सी श्रद्धांजलि ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित हुई. मैंने ही लिखी है- प्रभात रंजन ====================== ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता ‘शब्द झूठ नहीं बोलते’ की पंक्तियाँ हैं- मेरा विश्वास है/तुम्हारी तमाम कोशिशों के बाद भी/शब्द ज़िन्दा रहेंगे/समय की सीढ़ियों पर/अपने पाँव के निशान/गोदने के लिए/बदल …
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