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प्रज्ञा की कहानी ‘बुरा आदमी’

प्रज्ञा समकालीन कहानी का जाना-माना नाम हैं। आज उनकी कहानी ‘बुरा आदमी’ पढ़िए। यह कहानी ‘पहल’ पत्रिका के कहानी विशेषांक में प्रकाशित हुई थी। आप यहाँ पढ़ सकते हैं।      आज मैंने ठान लिया था टूटेजा सर शाम के समय कोई चक्कर लगवाएंगे तो साफ इंकार कर दूंगा। कई दिन …

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प्रिंट बनाम/सह डिजिटल: ‘पहल’ के बंद होने के संदर्भ में

पिछले दिनों ज्ञानरंजन जी की पत्रिका ‘पहल’ के बंद होने की खबार आई तो फ़ेसबुक पर काफ़ी लोगों ने लिखा। युवा कवि-लेखक देवेश पथ सारिया ने इस बहाने प्रिंट बनाम डिजिटल की बहस पर लिखा है। एक ऐसा लेख जिसके ऊपर बहस होनी चाहिए- ========================= वरिष्ठ कथाकार ज्ञान रंजन जी …

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