आज पढ़िए लेखिका पल्लवी प्रसाद के नए उपन्यास ‘सूर्यावर्त’ का अंश- ================================ बासवप्पा ईश्वरप्पा राव रसूखदार आदमी हैं। उनका रसूख पीढ़ियों पुराना है । बासवप्पा के पिता ईश्वरप्पा ने अंग्रेजी राज और उसके साथ ही अपनी जागीर के जाने का मातम मनाने में, अपना समय व्यर्थ नहीं किया। बल्कि …
Read More »रेणु के ‘लोकल’ का फलक दरअसल ‘ग्लोबल’ है
फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यासों, कहानियों में आंचलिकता कोई सीमा नहीं थी बल्कि वह आज़ाद भारत के ग्रामीण समाज के विराट स्वप्न के लेखक थे, जो शहरीकरण को विकास का एकमात्र पैमाना नहीं मानते थे न ही गाँवों को पिछड़ेपन का प्रतीक। उनके लेखन पर हिमाचल में रहने वाली लेखिका, अनुवादिका …
Read More »पल्लवी प्रसाद के उपन्यास ‘लाल’ का अंश
पल्लवी प्रसाद की कहानियां हिंदी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं. उन्होंने फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियों के अंग्रेजी अनुवाद किये हैं. ‘लाल’ उनका दूसरा उपन्यास है और सामाजिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि को आधार बनाकर कम ही लेखिकाएं लिखती है. यह एक ऐसा ही उपन्यास लग रहा है. फिलहाल इसका एक …
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