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Tag Archives: Pankaj parashar

तारिक़ छतारी की कहानी ‘बंदूक़’

आज पढ़िए उर्दू के कथाकार तारिक़ छतारी की कहानी ‘बंदूक़’, जिसका हिंदी रूपांतरण किया है हिंदी लेखक पंकज पराशर ने- ====================   शेख़ सलीमुद्दीन रात में पढ़ी जाने वाली इशा की नमाज़ के बाद हवेली में बैठे हुए हुक़्क़ा पी रहे थे। उनका बेटा ग़ुलाम हैदर मोढ़ा खींचकर उनके पास …

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जिनकी पीछे छूटी हुई आवाज़ें भी रहेंगी हमेशा महफूज

पंकज पराशर संगीत पर बहुत अच्छा लिखते हैं। दरभंगा के अमता घराने के ध्रुपद गायक पंडित अभय नारायण मल्लिक को याद करते हुए यह भावभीना लेख पढ़िए- ================================ जिनकी पीछे छूटी हुई आवाज़ें भी रहेंगी हमेशा महफूज (‘अमता’ घराने के चश्मो-चराग़ अभय नारायण मल्लिक!) …और अब पंडित अभय नारायण मल्लिक …

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कोई हयात ज़माने को है अज़ीज़ बहुत: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की जीवनी

पंकज पराशर को पढ़ना हर बार कुछ सीखना होता है। इस बार उन्होंने बीसवीं सदी के संभवतः सबसे बड़े शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ पर लिखा है। कुछ समय पहले उनकी जीवनी का हिंदी अनुवाद प्रकाशित हुआ था। उसी बहाने यह सहेजने लायक लेख पढ़िए- ====================================== “इससे पहले कि इस आलेख …

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जाँ निसार अख़्तर और उनके ख़ानदान के मुताल्लिक चंद बातें

पंकज पराशर संगीत-शायरी पर जब लिखते हैं तो बहुत अलग लिखते हैं। भाषा और विषय दोनों में महारत के साथ। यह लेख प्रसिद्ध उर्दू शायर जाँ निसार अख़्तर और उनके शायराना परिवार को लेकर है। एक पढ़ने और सहेजने लायक़ लेख- ============================= हम ने सारी उम्र ही यारो दिल का …

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ऐतिहासिक तथ्यों को नज़रअंदाज़ करने वाली इतिहास-दृष्टि

पंकज पराशर के शोधपूर्ण लेखों को हम पढ़ते रहे हैं, सराहते रहे हैं। यह उनका नया शोध है। पढ़कर बताइएगा- ========================== मेरी सुबह प्रायः ध्रुपद या ख़याल सुनते हुए शुरू होती है, लेकिन आज की सुबह उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री देखते हुए शुरू हुई. यह देखकर थोड़ा …

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ये चराग़ बे-नज़र है ये सितारा बे-ज़बाँ है!

दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह पुरा नायक की तरह रहे हैं, जितनी उपलब्धियाँ उतने ही क़िस्से। अलीगढ़ के मोहम्मडन एंग्लो ओरियेंटल कॉलेज के लिए भी उन्होंने योगदान किया था और वहाँ उन्होंने एक व्याख्यान भी दिया था, जिसके बारे में कम ही लोगों को पता होगा।  प्रोफ़ेसर पंकज पराशर ने उनके …

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कलीमुद्दीन अहमदः अँगरेज़ी के प्रोफेसर, उर्दू के सबसे बड़े आलोचक

पटना कॉलेज, पटना में अंग्रेज़ी के प्रोफ़ेसर कलीमुद्दीन अहमद को उर्दू के बड़े आलोचकों में गिना जाता है। उनके जीवन, उनके कार्यों पर एक शोधपरक लेख लिखा है केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब में हिंदी के प्रोफ़ेसर पंकज पराशर ने। आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ============== पटना कॉलेज, पटना के अँगरेजी के प्रोफेसर …

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एक ही पृथ्वी पर कितने बनारस

आज सुबह सुबह आलोचक-प्रोफ़ेसर पंकज पराशर का यह लेख पढ़ा। पढ़ते ही साझा करने का ऐसा मन हुआ कि एयरपोर्ट पर बैठे बैठे आज पहली बार फ़ोन से पोस्ट कर रहा हूँ। मैं यात्रा में हूँ, आप इस लेख के साथ परतदार बनारस की यात्रा कीजिए- प्रभात रंजन ——————————————————————- संतों-असंतों …

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