आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है. प्रस्तुत है उनकी कुछ कविताएँ- ================================== समाधि सूर्य भी नहीं है, ज्योति-सुन्दर शशांक नहीं, छाया सा व्योम में यह विश्व नज़र आता है. मनोआकाश अस्फुट, भासमान विश्व वहां अहंकार-स्रोत ही में तिरता डूब जाता है. धीरे-धीरे छायादल लय में समाया जब धारा निज अहंकार …
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