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Tag Archives: pragya mishra

वसुधैव कुटुंबकम का नारा लगाना आसान है पालन करना मुश्किल!

प्रज्ञा मिश्रा ब्रिटेन में रहती हैं और समसामयिक मुद्दों पर जानकी पुल पर नियमित रूप से लिखती रहती हैं। इस बार उन्होंने अमेरिका की कैपिटल हिल की घटना से लेकर भारत के किसान आंदोलन तक को लेकर एक विचारपूर्ण लेख लिखा है- =========================== एक बात पहले ही साफ़ करना जरूरी …

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सोशल मीडिया की असलियत बताने वाली फ़िल्म है ‘द सोशल डिलेमा’

प्रज्ञा मिश्रा ब्रिटेन में रहती हैं और समय-समाज से जुड़े मुद्दों को लेकर जानकी पुल पर नियमित लिखती हैं। उनकी यह टिप्पणी जेफ़ ओरलोवसकी निर्देशित डोक्यूड्रामा ‘सोशल डिलेमा’ पर है। आप भी पढ़िए- ============= पिछले कुछ सालों में न जाने कितनी बार यह बात कही और सुनी गयी है कि …

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न कोई वास्को डि गामा होता न कोलंबस और न कोई इब्ने बतूता!

प्रज्ञा मिश्रा ने प्रवास के अनुभवों को लेकर बहुत दार्शनिक लेख लिखा है। वह इंग्लैंड में रहती हैं और जानकी पुल सहित पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लिखती रहती हैं- ========== देवदास (संजय लीला भंसाली वाली) फिल्म में देवदास पारो से कहता है, “लंदन की तो बात ही कुछ और है, बड़े …

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पुतले का इतिहास और इतिहास का पुतला

प्रज्ञा मिश्रा का यह लेख अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में चले रंगभेद विरोधी प्रदर्शनों को एक भिन्न नज़रिए से देखता है, इतिहास और इतिहास स्मारकों को एक अलग नज़रिए से। प्रज्ञा मिश्रा यू॰के॰ में रहती हैं और वहाँ ब्रिस्टल शहर में एडवर्ड कोलस्टन के पुतले को हटाया गया और …

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फिल्में ही सब कुछ नहीं थीं सुशांत सिंह राजपूत के लिए

प्रज्ञा मिश्रा यूके में रहती हैं। वहाँ लॉकडाउन के अनुभवों को कई बार लिख चुकी हैं। इस बार उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद की प्रतिक्रियाओं को लेकर यह संवेदनशील टिप्पणी लिखी है- जानकी पुल। ======================= सुशांत सिंह राजपूत की ख़ुदकुशी की खबर आने के बाद से लोगों …

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लॉकडाउन की इंग्लैंड डायरी

प्रज्ञा मिश्रा इंग्लैंड में रहती हैं और वहाँ के लॉकडाउन अनुभवों को उन्होंने दर्ज करके भेजा है। आप भी पढ़ सकते हैं- जानकी पुल। ========================= पूरे तीन महीने बाद शहर के बाजार जाने का मौका मिला, यू के में इन्हें  टाउन या सिटी सेंटर कहते हैं।   दुकानें तो सभी बंद हैं, …

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मौत को नज़र चुरा कर नहीं नज़र मिला कर देखें

लॉकडाउन डायरी आज भेजी है ब्रिटेन से प्रज्ञा मिश्रा ने। मृत्यु और दुनिया भर की क़ब्रों को लेकर लिखा गया यह गद्य इस समय की भयावहता को तो दिखाने वाला है ही भौतिकता की निस्सारता का पाठ भी है- मॉडरेटर। =========== कोरोना वायरस के फैलने का जो सबसे बड़ा और गहरा …

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