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Tag Archives: prakash k. ray

के सच्चिदानंदन की कविताएँ प्रकाश के रे का अनुवाद

मलयालम साहित्य में मॉडर्निज़्म के सशक्त हस्ताक्षर के सच्चिदानंदन को केरल सरकार के शीर्ष साहित्यिक सम्मान Ezhuthachan Purasakaram से नवाज़ा जायेगा. वे कवि होने के साथ आलोचक और निबंधकार भी हैं. लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्षधर सच्चिदानंदन सम-सामयिक मुद्दों पर लगातार बोलते और लिखते रहे हैं. उनके 30 काव्य-संग्रह, 25 लेख-संग्रह …

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‘पद्मावती’ विवादः पाठ और संदर्भ के अनेक कोण

‘पद्मावती विवाद’ पर युवा लेखक, पत्रकार, इतिहास के गहरे अध्येता प्रकाश के रे का यह लेख कुछ गंभीर बिन्दुओं को उठाता है। पढ़ने लायक है- मौडरेटर ======== संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावती’ को लेकर सामाजिक और राजनीतिक गलियारों में विवाद चरम पर है. वर्तमान परिदृश्य में सुलह और समाधान की …

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अल्लाह करे मीर का जन्नत में मकाँ हो

आज यश चोपड़ा का जन्मदिन है. यश चोपड़ा जिसने कई पीढ़ियों को ग्रेसफुली रोमांस करने के अंदाज सिखाये. आज जब से प्रकाश के. रे का यह लेख पढ़ा आप लोगों को पढवाना चाहता था. देर हुई लेकिन सोने से पहले पढ़ लीजियेगा. अच्छा लगेगा- मॉडरेटर ==============   देश की आज़ादी …

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A Soofi in the Brothel

  Writer, journalist Prakash K. Ray write up on Mayank Austen Soofi’s book  Nobody Can Love you More : Life in Delhi’s Red Light District , published by penguin. ==============================================   As per the various estimates, there are three to 15 million prostitutes in our country. Some live and operate …

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बिना मेकअप की सेल्फ़ियाँ: एक ज़रूरी हस्तक्षेप

सुबह सुबह उठा तो एक जबर्दस्ती की लेखिका का फेसबुक स्टेटस पढ़ा जिसमें उन्होने निंदा की थी कि नेचुरल सेलफ़ी जैसे अभियान सोशल मीडिया के चोंचले होते हैं। हालांकि पढ़ते हुए समझ में आ गया कि भीड़ का हिस्सा न बनकर उससे अलग दिखना भी सोशल मीडिया का ही एक …

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‘माधुरी’ में प्रकाशित एक फ़िल्मी चालीसा

फिल्म पत्रिका माधुरी के सन 1972 के अंक में छपी हनुमान चालीसा की तर्ज़ पर वीरेंद्र सिंह गोधरा की फिल्मी चालीसा. एक से एक रचनाओं की खोज करने वाले प्रकाश के रे के सौजन्य से पढ़िए- मॉडरेटर  ======================================== दोहारू सहगल चरण स्पर्श कर, नित्य करूँ मधुपान। सुमिरौ प्रतिपल बिमल दा, …

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हमारे दिनों का अनुसंधान है इरा टाक की ‘रात पहेली’

बीते विश्व पुस्तक मेले में इरा टाक का कहानी संग्रह आया था ‘रात पहेली‘, संग्रह की कहानियों पर बहुत विस्तृत लेख लिखा है लेखक-पत्रकार प्रकाश के रे ने- मॉडरेटर ======================= प्रेम, प्रेम संबंध और स्त्री-पुरुष के समीकरणों को टटोलना साहित्य का आदिम स्वभाव है. नवोदित रचनाकार भी इस प्रभाव से …

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अपने हुसैन पराये हुसैन

एम. एफ. हुसैन पर प्रकाश के रे का लिखा हुआ लेख पुराना है लेकिन हालात आज भी वही हैं. जेरे बहस मुद्दे आज भी वही हैं. हुसैन साहब की पुण्यतिथि पर यह पढने लायक लेख है- मॉडरेटर =================================== ११ मार्च, २०१० को सराय रीडर लिस्ट पर यह पोस्ट भेजा था. …

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इन्स्टाग्राम कवि एटिकस के बारे में जिसके शब्द ही उसकी पहचान हैं

प्रकाश के रे उदार पाठक और लेखक हैं. नई नई चीजें पढ़ते रहते हैं और हमसे साझा करते रहते हैं. जैसे उनकी यह टिप्पणी जो एटिकस के बहाने कविता की नई धारा के बारे में है- मॉडरेटर ==================================== शुरूआत एक आम बात से. तमाम ख़ूबियों और ख़ामियों के साथ सोशल …

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हेल को समझना कोई खेल नहीं है!

प्रकाश के रे खूब पढ़ते हैं., अलग अलग विषयों को लेकर सोचते लिखते हैं. इस बार उन्होंने हेल, जहन्नुम, नरक के बारे में सोचते हुए यह छोटा सा लेख लिख दिया- मॉडरेटर ================================== ‘व्हाट [इज़] द हेल! अक्सर हम रोज़मर्रा के जीवन में ‘गो टू हेल’, ‘जहन्नुम में जाओ’, ‘टू हेल …

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