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Tag Archives: prakash k. ray

भारतीय सिनेमा के इतिहास को संघ लोकसेवा आयोग के सवाल की तरह याद नहीं किया जाना चाहिए

आज के दिन पहली बार कोई भारतीय फिल्म आम जनता के लिए पहली बार प्रदर्शित हुई थी. वह फिल्म थी दादासाहेब फाल्के की ‘राजा हरिश्चंद्र’. आज के दिन भारतीय सिनेमा के प्रदर्शन के 100 साल पूरे होने पर जाने माने लेखक, पत्रकार प्रकाश के रे ने यह लेख लिखा था. …

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प्रकाश के रे की कविताएँ

कविता को हृदय का उद्घोष माना गया है। लेकिन कवि आज के दौर में घोषित रूप से निकृष्ट व्यक्ति है और कविता साहित्य के निचले पायदान पर सिसकियाँ भरती है। कविताओं का मूल्य संसार की तुच्छतम वस्तुओं से भी हीन है। कविताएँ अब क्रांति कर पाने में सक्षम नहीं हैं। …

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बादशाह औरंगजेब आलमगीर की प्रेम कहानी से जुड़ा एक किस्सा

प्रकाश के. रे पेशे से पत्रकार हैं.  इतिहास-राजनीति की गहरी समझ रखने वाले हिंदी के कुछ दुर्लभ पत्रकारों में हैं. औरंगजेब के जीवन से जुड़े इस प्रसंग को देखिये उन्होंने किस तरह से सही समय पर याद किया है- मॉडरेटर ================================================== इतिहास भले ही महलों और मैदानों में तय होता …

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