2015 में ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में महान कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण की आत्मकथा ‘द टनेल ऑफ़ टाइम’ का एक अंश प्रकाशित हुआ है. अनुवाद मैंने ही किया था- प्रभात रंजन ======================================= और इस तरह मैं बगीचे में भटकता रहता था, वह बहुत बड़ा था, वहां कम उम्र के लड़कों के लिए …
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