युवा कवि रवित यादव की कविताओं का मुझे इंतजार रहता है। आज उनकी दो गद्य कविताएँ पढ़िए- ============= 1- दुविधाओं का दोगला भूत। ―――――――――――――― मैंने जिस-जिस ये कहा कि “मैं एक दिन यूँ भी जाऊँगा की फिर वापस न आऊँगा”, वो सब एक एक करके मेरे मेरे जीवन से जाते …
Read More »कविता दुःखों के साथ कि गयी सबसे बड़ी नाइंसाफ़ी है: रवित यादव
दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फ़ैकल्टी के छात्र रवित यादव की कुछ नई कविताएँ पढ़िए। गद्य-पद्य कविता में कुछ नए प्रयोग हैं- ======================== 1-कविता, दुःखों के साथ कि गयी सबसे बड़ी नाइंसाफ़ी है। ……….…….. कोई ऐसी कविता ढूँढ रहा हूँ जो यह बता सके कि कौन से दुःखों को …
Read More »सदी का सबसे क्रूर क़ातिल- रवित यादव की कविताएँ
दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फ़ैकल्टी के छात्र रवित यादव की कविताएँ पढ़िए। आज के समय में बहुत प्रासंगिक हैं- ====================================== 1- सदी का सबसे क्रूर क़ातिल ———————- झकझोरती हैं जब कानों पर पड़ती चीखें जब थमती सांसो के साथ जीने की आस थरथराती है जब टटोलते हो …
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