सदानन्द शाही के तीन संग्रह प्रकाशित हैं, वे हिंदी के प्रोफ़ेसर हैं। पत्र-पत्रिकाओं में उनकी टिप्पणियाँ हम नियमित पढ़ते रहते हैं। उनकी कुछ कविताएँ पढ़ते हैं- ================================ 1 इंद्रिय बोध शब्द तुम्हारा नाम था वह जो गूंजता रहा मेरे भीतर मैं आकाश हुआ। …
Read More »नायक विहीन समय में प्रेमचंद
आज मुख्यधारा की मीडिया में प्रेमचंद की जयंती पर उनको याद करते हुए कुछ अच्छे लेख प्रकाशित हुए हैं. ‘जनसत्ता’ में शम्भुनाथ ने अच्छा लेख लिखा है. लेकिन वह हमें इतनी सुबह-सुबह उपलब्ध नहीं हो पाया. फिलहाल यह लेख पढ़िए- सदानंद शाही ने लिखा है और यह लेख छपा है …
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