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‘उर्दू की आखिरी किताब’ और उर्दू व्यंग्य की परम्परा

संजय गौतम कम लिखते हैं लेकिन मानीखेज लिखते हैं. उदाहरण के लिए यही लेख जिसमें इब्ने इंशा की किताब ‘उर्दू की आखिरी किताब’ के बहाने उर्दू व्यंग्य की परम्परा का दिलचस्प जायजा लिया गया है- जानकी पुल. ================== व्यंग्य विधा में समकालीनता एवं उपयोगिता का प्रश्न (‘उर्दू की आख़िरी किताब’ …

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एक-आध दिन मौसी के घर भी चले जाना चाहिए

संजय गौतम कम लिखते हैं लेकिन मानीखेज लिखते हैं. उदाहरण के लिए यही लेख जिसमें इब्ने इंशा की किताब ‘उर्दू की आखिरी किताब’ के बहाने उर्दू व्यंग्य की परम्परा का दिलचस्प जायजा लिया गया है- जानकी पुल. ================== व्यंग्य विधा में समकालीनता एवं उपयोगिता का प्रश्न (‘उर्दू की आख़िरी किताब’ …

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मौन-सा अपने ही लोगों का करैक्टर हो गया.

वीकेंड  कविता में इस बार प्रस्तुत है व्यंग्य-कवि संजय गौतम की गज़लें. काका हाथरसी की तर्ज़ पर उनका अनुरोध है इनको हज़ल कहा जाए. आइये उनकी हज़लों का रंग देखते हैं. एकपहले जो अपना यार था, अब कैलकुलेटर हो गया,दो जमा दो में किये, दस गिन के सैटर हो गया. …

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