‘पद्मावती’ फिल्म पर चल रही कंट्रोवर्सी के बीच युवा लेखक विमलेन्दु का यह लेख पढने लायक है-मॉडरेटर ========= बाज़ारवाद के स्वर्णकाल में, जब सारे कला-माध्यम अपना असर लगभग खो चुके हैं, सिनेमा ने कुछ हद तक अपना असर बचाए रखा है. सिनेमा प्रत्यक्षत: किसी परिवर्तन का निमित्त भले ही न …
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