फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पंचलैट’ पर बनी फ़िल्म के ऊपर यह टिप्पणी की है साक़िब अहमद ने। साक़िब किशनगंज में रहते हैं और पुस्तकालय अभियान से जुड़े हैं। आप भी पढ़ सकते हैं- ====================== (पंचलैट के सिनेमाई प्रस्तुतिकरण की मुश्किलें और दुश्वारियां) क्या हर रचनात्मकता को कलात्मकता मान लेना चाहिए? …
Read More »