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Tag Archives: savita singh

प्रेम और मृत्यु और शोक की तरफ गईं कविता

वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह के कविता संग्रह ‘खोई हुई चीजों का शोक’ पर यह टिप्पणी लिखी है वरिष्ठ लेखिका जया जादवानी ने। राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित सविता सिंह के कविता संग्रह पर यह टिप्पणी आप भी पढ़ सकते हैं- ========================== ‘खोई हुई चीजों का शोक’ सविता सिंह का नया कविता …

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कविता भाषा में अपने होने की जद्दोजहद की पहचान है!

सविता सिंह की कविताओं का हिंदी में अपना अलग मुकाम है. उनकी कविताओं में गहरी बौद्धिकता को अलग से लक्षित किया जा सकती है. अपनी कविताओं को लेकर, अपने कविता कर्म को लेकर, स्त्री कविता को लेकर उनका यह जरूरी लेख पढ़ा तो मन हुआ कि साझा किया जाए आपसे- …

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अकथ का आश्चर्यलोक : ‘अँधेरे में’

मुक्तिबोध आधुनिक हिंदी कविता के गुरु हैं. आज उनकी कविता ‘अँधेरे में’ पर लिखा यह आत्मीय लेख पढ़ते हैं. लिखा है विदुषी कवयित्री सविता सिंह ने- मॉडरेटर. ==================================== जब मैं कविता लिखने लगी अँधेरा मेरे लिए रहस्य नहीं रह गया। अकसर रात में ही लिखती। रात अपने कई रूपों का …

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कि रात का रंग सिर्फ काला नहीं होता

वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का तीसरा कविता संग्रह हाल में ही आया है- ‘स्वप्न समय’. हिंदी में अपनी मौलिक और मुखर आवाज के लिए जानी जाने वाली इस कवयित्री की कुछ कविताएँ इसी संग्रह से- जानकी पुल. ================================================================= 1. कौन वह लो रात अपनी स्याही में लिपटी हुई अकेली रिक्त …

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