एक उभरते हुए रूसी बाल-साहित्यकार हैं- सिर्गेइ पिरिल्यायेव। उन्हें भारत और भारतीय फिल्मों से दीवानगी की हद तक प्यार है। अपनी जीवनी भी उन्होंने “इण्डियन फिल्म्स ” नाम से लिखी है। उसी किताब से एक अंश जिसका अनुवाद किया है आ. चारुमति रामदास – ============================== पहली इण्डियन फ़िल्म, जो मैंने देखी, वो थी फ़िल्म …
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