शीन काफ निज़ाम की गज़लों के हम सब पुराने शैदाई रहे हैं लेकिन हम हिंदी वाले उनकी नज्में किसी मुकम्मल किताब में नहीं पढ़ पाए थे. खुशखबरी है कि वाणी प्रकाशन से उनकी नज्मों का संकलन आया है ‘और भी है नाम रस्ते का’. उसी संकलन से उनकी कुछ चुनिन्दा नज्में- …
Read More »इंसान अपने आप में कितना सिमट गया
शिव कृष्ण बिस्सा मशहूर शायर शीन काफ निजाम के नाम से जाने जाते हैं. सूफियाना अंदाज़ के इस शायर की कुछ गज़लें प्रस्तुत हैं- जानकी पुल. 1. पहले ज़मीन बांटी थी फिर घर भी बंट गया इंसान अपने आप में कितना सिमट गया. अब क्या हुआ कि खुद को मैं …
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